Wednesday, May 3, 2017

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी 
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी 

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा तुम को 
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी


शिकायत यह नहीं की , वो नाराज़ है हमसे 
मुस्कुराने का हक़ भी छीना , इस बात का ग़म है 

शिकायत यह नहीं की , दिल पे मेरे ज़ख्म दिया 
कराहने का हक़ भी छीना , बस इस बात का ग़म है

मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती,
कुछ यादों की खनक नहीं जाती,
कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता,
कि दूर रहके भी उनकी महक नहीं जाती।

मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।


हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये,
आपको कभी कोई रुला ना पाये,
खुशियों का दीप ऐसे जले ज़िंदगी में.
कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये।

हमारी खामोशी हमारी आहट है
हमारी आंखें हमारी चाहत हैं
हमारी जिंदगी अगर खूबसूरत है
तो उसकी वजह बस आपकी मुस्कुराहट है।

मैंने ख़ुदा से एक छोटी सी दुआ मांगी

क महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा

मैंने ख़ुदा से एक छोटी सी दुआ मांगी,
दुआ में उससे अपनी मौत मांगी


ख़ुदा ने कहा बेशक मैं तुझे मौत दे दूं पर उसे क्या दूं,
जिसने तेरी लंबी उमर की दुआ मांगी

दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया

हम से पूछो न दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा

बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता

बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नही जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नही जाता,

वो एक ही चेहरा तो नही सारे जहाँ मैं,
जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नही जाता।


ना तसवीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये,
ना तुम हो मेरे पास जो प्यार किया जाये,

ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम,
ना कुछ कहा जाये ना तुम बिन रहा जाये।

Wednesday, November 23, 2016

हर वक्त तेरे आने की आस रहती है

हर वक्त तेरे आने की आस रहती है,
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है,


सब कुछ है यहाँ बस तू नहीं,
इसलिए शायद ये जिन्दगी उदास रहती है.



पास आकर सभी दूर चले जाते,
अकेले थे हम , अकेले ही रह जाते है,


इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे,
मलहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है.

Monday, October 31, 2016

मोहब्बत से गम,गम से हम पेरशान है

दोस्ती से बड़ी कोई जागीर नहीं होती,
इससे अच्छी कोई तस्वीर नहीं होती.

एक प्यार का नाज़ुक सा धागा है दोस्ती,
फिर भी इससे पक्की कोई ज़ंजीर नहीं होती.


मोहब्बत से गम,गम से हम पेरशान है,
लाखो हैं दीवाने तेरे,मगर हम ही बदनाम है.

इतना भी न सताओ अपने चाहने वालो को,
पागल दीवाने ही सही मगर फिर भी इंसान तो है.

जब मेरा जिस्म ही मुझे छोड़ चला जाएगा

इस जमाने के रोशनी से जब बाहर आएगा
तब तेरे दिल में उजाला सा नजर आएगा

खुशी छा जाती है नजरों पे कफन बनकर
दर्दे तन्हाई में तू जिंदगी को समझ पाएगा


इश्क के चिरागों को गजलों से जलाते चलो
उम्र तो इस तरह से भी मेरा कट जाएगा

क्या लेकर जाना है हमें इस दुनिया से
जब मेरा जिस्म ही मुझे छोड़ चला जाएगा

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